Vishwakarma Yojana Kya hai, Pradhan Mantri Vishwakarma Yojana, PM Vishwakarma Yojana online apply 2024
भारत सरकार द्वारा सभी पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के जीवन स्तर को सुधारने और उनके कौशल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत 17 सितंबर 2023 को की प्रधानमत्री द्वारा की गई थी। इस योजना का नाम भगवान विश्वकर्मा के नाम पर रखा गया है, जिन्हें हिंदू के पौराणिक कथाओं में देवताओं के प्रमुख शिल्पकार और सृजनकर्ता के रूप में जाना जाता है।
इस योजना का उद्देश्य उन कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता और कौशल विकास प्रदान करना है, जो परंपरागत हस्तशिल्प और कारीगरी से जुड़े हुए हैं। और यह योजना भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल के चलाई गई है, जिसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर श्रमिकों को सशक्त बनाना और भारत में हाथ से बनाने वाले समानो के कारीगर को बढ़ावा देना है।
PM Vishwakarma Yojana का उद्देश्य
विश्वकर्मा योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को उनके कौशल में सुधार और बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए सहायता प्रदान करना है। यह योजना उन लोगों को ध्यान में रख कर शुरू किया गया है, जो अपनी पुरानी कला और शिल्प कौशल के माध्यम से अपना परिवार चला रहे है।
जैसे कि बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार, मोची, दर्जी, पत्थर तराशने वाले, मूर्तिकार आदि। योजना का उद्देश्य न केवल इन समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि उनकी कला और शिल्प को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़कर उनके व्यवसाय को बढ़ावा देना भी है।
PM Vishwakarma Yojana Important Details
- कौशल विकास प्रशिक्षण: योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को उनके पारंपरिक कौशल को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण उन्हें उनकी कला में सुधार लाने और उत्पादकता बढ़ाने में मदद करेगा।
- आर्थिक सहायता: सरकार कारीगरों को उनके व्यवसाय को आगे बढ़ाने और नवीनतम उपकरण खरीदने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। योजना के अंतर्गत ऋण और सब्सिडी जैसी वित्तीय सुविधाएं भी दी जाएंगी।
- टूलकिट वितरण: योजना के अंतर्गत कारीगरों को उनके काम में उपयोग होने वाले औजारों और उपकरणों के लिए विशेष टूलकिट भी प्रदान किए जाएंगे। इन टूलकिट में उन विशेष औजारों को शामिल किया जाएगा, जो उनके पारंपरिक शिल्प को और उन्नत बनाने में सहायक होंगे।
- मार्केटिंग और ब्रांडिंग समर्थन: योजना के अंतर्गत कारीगरों को उनके उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए समर्थन दिया जाएगा। इसका उद्देश्य उनके उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुँचाना है, जिससे वे अपनी आय में वृद्धि कर सकें।
- पुनर्वित्त योजना: कारीगरों के व्यवसाय को स्थिरता प्रदान करने के लिए सरकार कम ब्याज दरों पर ऋण भी उपलब्ध कराएगी। इसके साथ ही ऋण को पुनर्वित्त की सुविधा भी दी जाएगी, ताकि वे अपने व्यापार को सुचारु रूप से चला सकें।
PM Vishwakarma Yojana Benefits | पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ कौन-कौन ले सकता है ?
इस योजना का लाभ विभिन्न समुदायों और पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े शिल्पकारों को मिलेगा, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- बढ़ई (Carpenters)
- लोहार (Blacksmiths)
- सुनार (Goldsmiths)
- कुम्हार (Potters)
- दर्जी (Tailors)
- नाई (Barbers)
- मोची (Cobblers)
- पत्थर तराशने वाले (Stone sculptors)
योजना के लिए जारी किया गया बजट
सरकार ने विश्वकर्मा योजना के लिए 13,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। यह वित्तीय सहायता कारीगरों के लिए विभिन्न रूपों में दी जाएगी, जैसे कि सब्सिडी, ऋण, प्रशिक्षण कार्यक्रम और अन्य सुविधाएं। योजना के पहले चरण में 30 लाख कारीगरों को इसके अंतर्गत शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है।
इसके अलावा, लाभार्थियों को 15,000 रूपए टूलकिट के लिए और ₹1 लाख से लेकर ₹2 लाख तक का ऋण भी दिया जाएगा।
PM Vishwakarma Yojana Overview
योजना का नाम | प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना |
शुरुआत की तारीख | 17 सितंबर 2023 |
उद्देश्य | पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों का सशक्तिकरण |
लाभार्थी | बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार, दर्जी, मोची, आदि |
बजट | ₹13,000 करोड़ |
आर्थिक सहायता | ₹1-2 लाख तक का ऋण, ₹15,000 का टूलकिट वाउचर |
प्रमुख सुविधाएँ | कौशल विकास, टूलकिट, मार्केटिंग समर्थन, ऋण सुविधा |
लक्ष्य | 30 लाख कारीगरों तक पहुंच |
आवेदन प्रक्रिया | PM Vishwakarma पोर्टल या नजदीकी सरकारी कार्यालय |
Vishwakarma Yojana Online Apply
कारीगर और शिल्पकार PM Vishwakarma Yojana के Official Website पर जाकर आवेदन करना होगा। इसके अलावा भी आवेदनकर्ता अपने नजदीकी सरकारी कार्यालयों में भी आवेदन करा सकते है। आवेदन करते समय उन्हें अपने व्यवसाय से संबंधित जानकारी और आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे, जिसके बाद उनकी पात्रता की जांच की जाएगी।
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विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य केवल कारीगरों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करना नहीं है, बल्कि भारतीय हस्तशिल्प और पारंपरिक शिल्प को पुनर्जीवित करना और इसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना भी है। यह योजना न केवल इन समुदायों के जीवन स्तर को सुधारने में मदद करेगी, बल्कि भारतीय हस्तशिल्प उद्योग को एक नई पहचान भी देगी।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना सरकार की एक दूरदर्शी पहल है, जिसका उद्देश्य देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को मुख्यधारा में लाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। यह योजना न केवल आर्थिक सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह भारतीय हस्तशिल्प और शिल्प कौशल को संजोने और संरक्षित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है।